manav computer shakuntala devi shakuntala devi movie shakuntala devi achivements shakuntala devi education shakuntala devi iq in hindi shakuntala devi books .
मानव कंप्यूटर शकुंतला देवी शकुंतला देवी मूवी शकुंतला देवी आई क्यू शकुंतलादेवी की अचीवमेंट्स शकुंतला देवी पढ़ाई शकुंतला देवी द्वारा लिखी गई किताब .
हेलो दोस्तों जैसा कि आपको पता ही होगा कि आज शकुंतला देवी जिन्हें हुमन कंप्यूटर के नाम से भी जाना जाता है उनके जीवन पर आधारित शकुंतला देवी मूवी का ट्रेलर रिलीज हुआ है | यह मूवी शकुंतला देवी के जीवन पर आधारित है | मेन केदार में विद्या बालन है | यह पिक्चर 31/07/2020 को रिलीज होगी इस पिक्चर को ऐमेज़ॉन प्राइम में रिलीज किया जाएगा|
मैं आपको शकुंतला देवी के जीवन क बारे में पूरी जानकारी इस आर्टिकल में दूंगा |
TABLE OF CONTENT
1 प्रारंभिक जीवन
2 . विवाहित जीवन
3. पुरस्कार और अचीवमेंट्स
4. क्यों कहा जाता है हुमन कंप्यूटर
5. आइक्यू लेवल
6. शकुंतला देवी द्वारा लिखी गई किताबें
7. मृत्यु.
1 प्रारंभिक जीवन
शकुंतला देवी भारत भारत में जन्मी एक असाधारण महिला थी | जिनका जन्म भारत के बेंगलुरु शहर में एक गरीब कन्नड ब्राह्मण परिवार में 4 नवंबर 1929 को हुआ था |
इनका जन्म गरीब परिवार में होने के कारण इनकी प्रारंभिक शिक्षा भी पूरी नहीं हो सकी थी |
इनके पिताजी का नाम बिस्व मित्रा मणि था|
इनका परिवार ब्राह्मण होने के कारण इनके पिताजी को अपने पूर्वजों के काम के अनुसार काम करने के लिए कहा जा रहा था , मंदिर में पुजारी बनने के लिए कहां जा रहा था | लेकिन इनके पिता ने मंदिर में पुजारी बनने से इनकार कर दिया और जब शकुंतला देवी छोटी थी तभी इनके पिता सर्कस में काम करने लगे | शकुंतला देवी के इस टैलेंट को उन्होंने सर्कस में काम करने के दौरान पता चला था |जब शकुंतला देवी केवल 3 साल उम्र की थी तभी से यह अद्भुत कला उनके अंदर थी |
शकुंतला देवी ने यह सब किसी स्कूल से नहीं सीखा था यह सब उनके अंदर बचपन से ही था |
शकुंतला देवी की इस कला उनके पिताजी ने कार्ड के खेल से पहचाना था , इस कार्ड के गेम में मात्र 3 साल की उम्र में शकुंतला देवी अपने पिता को हरा देती थी जबकि उनको यह खेल आता भी नहीं था , उनका दिमाग इतना तेज था की जो भी कोई अंक एक बार देख लेती वह उन्हें याद हो जाता था |
शकुंतला देवी को पहचान मात्र 3 साल की उम्र से मिलना शुरू हो गई थी , जब उनके पिताजी ने सर्कस छोड़कर सार्वजनिक कार्यक्रम करने लगे थे , इस कार्यक्रम में सभी को शकुंतला देवी जी से अंको पे सवाल जवाब करने होते थे | लेकिन इन कार्यक्रम से शकुंतला देवी को इतनी प्रसिद्धि नहीं मिली थी लेकिन जब शकुंतला देवी 15 वर्ष की हुई तो राष्ट्रीय मीडिया सहित अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इन्हें पहचान मिलने लगी थी | शकुंतला देवी पहली बार खबरों जब आई जब बीबीसी रेडियो के कार्यक्रम के दौरान गणित का एक जटिल सवाल पूछा गया और उनका इन्होंने तुरंत ही जवाब दे दिया था |
2 . विवाहित जीवन .
कुंतला देवी का विवाह 1960 में कोलकाता के एक बंगाली आईएएस अधिकारी परितोष बनर्जी के साथ हुआ था | इनका वैवाहिक जीवन बहुत दिनों तक नहीं चल सका और इन्होंने1979 में अपने पति से अलग हो गई थी और अपनी एक बेटी के साथ वापस बेंगलुरु आ गई थी |
3. पुरस्कार और अचीवमेंट्स .
शकुंतला देवी को फिलिपिंस विश्वविद्यालय ने वर्ष 1969 में ‘वर्ष की विशेष महिला’ की उपाधि और गोल्ड मेडल प्रदान किया.
वर्ष 1988 में इन्हें वाशिंगटन डी.सी. में ‘रामानुजन मैथमेटिकल जीनियस अवार्ड’ से सम्मानित किया गया.
इनकी प्रतिभा को देखते हुए इनका नाम वर्ष 1982 में ‘गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में भी शामिल किया गया.
मृत्यु से एक माह पूर्व वर्ष 2013 में इन्हें मुम्बई में ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया.
इनके 84वें जन्मदिन पर 4 नवम्बर, 2013 को गूगल ने इनके सम्मान स्वरूप इन्हें ‘गूगल डूडल’ समर्पित किया
बेस्ट इंडियन एप्स, चाइनीस अल्टरनेटिव एप्स के लिए क्लिक करें |
4. क्यों कहा जाता है हुमन कंप्यूटर .
शकुंतला देवी को हुमन कंप्यूटर इसलिए कहा जाता है कि इनकी जो अंको की घटना है उस समय के कंप्यूटर से भी ज्यादा तेज थी | शकुन्तला देवी ने संसार के 50 से अधिक देशों की यात्रायें की और बहुत से शैक्षिक संस्थानों, थियेटर्स और यहां तक कि टेलीविज़न पर भी अपनी गणितीय क्षमता का प्रदर्शन किया. 27 सितम्बर, 1973 को विश्व भर में प्रसारित होने वाले रेडियो चैनेल ‘बीबीसी’ द्वारा आयोजित एक प्रोग्राम ‘नेशनवाइड’ में उस समय के चर्चित बॉब वेल्लिंग्स द्वारा गणित से सम्बंधित पूछे गए सभी जटिल प्रश्नों का सही उत्तर देने के कारण वे अचंभित हो गए थे. इनकी इस प्रतिभा से इनके प्रसंशकों की संख्या भारत सहित विश्व भर में क्रमशः बढ़ती ही गई.
इतनी कम उम्र में ही गणित के क्षेत्र में ऐसी अद्भुत क्षमता देखने को उस समय संसार में कहीं भी नहीं मिलता था. विश्व में अपने गणितीय कौशल की धूम मचाने के बाद अपने देश भारत में पूर्णरूप से प्रसिद्ध हो गईं. इसके बाद इम्पीरियल कॉलेज, लन्दन, में इन्होंने 18 जून, 1980 को गणित के एक कठिन प्रश्न का सही उत्तर कुछ सेकंड में देकर वहां उपस्थित दर्शकों को आश्चर्य चकित कर दिया था.
16 वर्ष की अवस्थ में इनको बहुत ही प्रसिद्ध तब मिली, जब इन्होंने दो 13 अंकों की संख्याओं का गुणनफल 28 सेकंड में निकाल कर उस समय के संसार के सबसे तेज कंप्यूटर को 10 सेकंड के अंतर से हराया दिया.
उस समय इनकी इस अद्भुत क्षमता को देखकर हर कोई इन्हें समय-समय पर परखना चाहता था. वर्ष 1977 में शकुंतला देवी को अमेरिका जाने का मौका मिला. यहां डलास की एक युनिवर्सिटी में इनका मुकाबला आधुनिक तकनीकों से लैस एक कंप्यूटर ‘यूनीवैक’ से हुआ. इस मुकाबले में शकुंतला को मानसिक गणना से 201 अंकों की एक संख्या का 23वां मूल निकालना था. यह सवाल हल करने में उन्हें 50 सेकंड लगे, जबकि ‘यूनीवैक’ नामक कंप्यूटर ने इस काम के लिए 62 सेकंड का समय लिया था. इस घटना के तुरंत बाद ही दुनिया भर में शकुंतला देवी का नाम ‘भारतीय मानव कंप्यूटर’ के रूप में प्रख्यात हो गया. |
5.शकुंतला देवी आइक्यू लेवल .
शकुंतला देवी का आइक्यू औसत 90-110 का माना गया है यह आइक्यू लेबल अनुमानित है |
6. शकुंतला देवी द्वारा लिखी गई किताबें .
- PUZZLES TO PUZZLE YOU
- MATHABILITY
- AWAKEN THE GENIUS IN YOUR CHILD
- MORE PUZZLES
- THE WORLD OF HOMOSEXUALS
- SUPER MEMORY
- MATHEMATICS
- WONDERLAND OF NUMBERS
- FIGURING (THE JOY OF NUMBERS )
- NUMBERS
- ASTROLOGY FOR YOU .
यह सभी पुस्तकें शकुंतला देवी द्वारा लिखी गई है यदि आप इन पुस्तकों को करना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए लिंक से खरीद सकते हैं |
इन पुस्तकों को आप हिंदी में खरीदना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए लिंक से खरीद सकते हैं |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें